भोपाल में महिला डॉक्टर ने किया सुसाइड: लिखा- इतना स्ट्रेस नहीं झेल सकती, दवा का ओवरडोज लेकर दी जान
अदनान खान भोपाल। IND28.COM
भोपाल में बुधवार को जूनियर डॉक्टर आकांक्षा माहेश्वरी (24) ने हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। वे गांधी मेडिकल कॉलेज से पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी कर रही थीं। पुलिस को मौके से इंजेक्शन और सीरिंज मिली है।आशंका है कि आकांक्षा ने दवा का ओवरडोज लेकर यह आत्मघाती कदम उठाया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।पुलिस ने मौके से एक पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें आकांक्षा ने लिखा- मैं इतनी मजबूत नहीं हूं, इतना स्ट्रेस नहीं झेल पा रही हूं..। मम्मी-पापा सॉरी, दोस्तों को भी सॉरी। प्यार देने के लिए धन्यवाद । मैं स्ट्रॉन्ग नही हूं। मैं व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठा रही हूं।कोहेफिजा टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि आकांक्षा ग्वालियर के दीनदयाल नगर इलाके के आदित्य पुरम की रहने वाली थी। आकांक्षा ने वहां से एमबीबीएस किया था। इसके बाद वो जीएमसी, भोपाल से पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी कर रही थीं। वह फर्स्ट ईयर में थीं। बुधवार सुबह करीब 7 बजे उन्होंने अपने डिपार्टमेंट में फोन कर बताया कि तबीयत खराब है। ड्यूटी पर नहीं आऊंगी।
सुबह से बंद था कमरे का दरवाजा
हॉस्टल में रहने वाली अन्य स्टूडेंट ने पुलिस को बताया कि आकांक्षा के रूम का सुबह से दरवाजा बंद था। शाम को जब साथी छात्राएं हॉस्टल पहुंची तो दरवाजा बंद होने पर गार्ड को जानकारी दी। गार्ड ने जीएमसी प्रबंधन को बताया। तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खुलवाया। अंदर आकांक्षा बेसुध हालत में मिली। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बेहोशी के इंजेक्शन के जानलेवा डोज लिए
डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि पीजी स्टूडेंट ने बेहोशी के इंजेक्शन के 2.5 ML के चार डोज लिए थे। इसके अलावा एक डोज पेन किलर का लिया था। बेहोशी के इंजेक्शन का जानलेवा डोज लिया गया। यही वजह रही कि वह जिस अवस्था में बिस्तर पर लेटी थी, उसी अवस्था में उसकी मौत गई। पुलिस ने दवा की खाली शीशी भी बरामद कर ली है।
महीने भर पहले ही ग्वालियर से भोपाल शिफ्ट हुई थीं
टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि आकांक्षा ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर (जीआरएमसी) से इसी साल एमबीबीएस कंपलीट किया था। इसके बाद उन्हें गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में पीजी में दाखिला मिला था। महीनेभर पहले ही वह भोपाल शिफ्ट हुई थीं। वह जीएमसी के गर्ल्स हॉस्टल के एच ब्लॉक में रह रही थीं। मौके पर मिले सुसाइड नोट में उसने ऐसा कुछ जिक्र नहीं किया, जिससे कि उसकी आत्महत्या की वजह का पता चल सके। आकांक्षा के परिजन भोपाल आ रहे हैं। उनके बयान के बाद ही सुसाइड की वजह का पता चल सकता है।